D mart Business Model कैसे सफल हुआ ? Case study of D Mart Various info Studytoper

Ashok Nayak
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D mart Business Model कैसे सफल हुआ ? Case study of D Mart 

Hello friends आज हम इस आर्टिकल में D Mart Business Model के बारे बताएंगे कि कैसे D mart ने अपने को successful business में बदल दिया । full case study of D mart.

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D Mart Business Model Case Study


D Mart Business Model – वर्तमान से कुछ सालों पहले तक सुपर मार्केट का क्रेज काफी कम था लेकिन अभी के समय में हर शहर में सुपरमार्केट मौजूद है। बहुत सारी बड़ी-बड़ी कंपनियां जैसे कि  रिलायंस और टाटा भी सुपर मार्केट में जमकर इन्वेस्ट करती हैं।


काफी सारे सुपर मार्केट घाटे में जा रहे हैं लेकिन वही कुछ शानदार बिजनेस मॉडल की बदौलत लोगों को भी चीजें सस्ते में दे रहे हैं और खुद भी फायदे में हैं। हम यहां पर बात कर रहे हैं ऐसे ही एक दिग्गज DMart की!

आपके शहर में DMart जरूर होगा और अगर नहीं भी हैं तब भी आप D-Mart में कभी न कभी तो जरूर गए होंगे। DMart भारत के सबसे बड़ी Supermart कंपनियों में से एक है। और आज के समय काफी चर्चा में भी रहती है।

DMart लोगो को बेहद ही सस्ते Product उपलब्ध कराता हैं। अगर आप अन्य सुपर मार्ट से भी शॉपिंग कर चुके हैं तो शायद आपको यह बात याद होगी कि जहां एक तरफ अन्य सुपर मार्ट में आपको कुछ प्रोडक्ट काफी महंगे मिलते हैं।

वहीं Dmart में आपको सभी प्रोडक्ट अन्य जगहों से सस्ते मिलते हैं। लेकिन इसके बावजूद भी DMart काफी ज्यादा फायदे में है जबकि अधिकतर सुपरमार्ट घाटे में जा रहे हैं। आखिर ऐसा कैसे हो रहा है ?

कैसे Dmart Supermart इतने फायदे में हैं? यह सब एक बेहतरीन बिजनेस मॉडल के कारण हो रहा है और आज के इस पोस्ट में हम आपको D-Mart का शानदार बिजनेस मॉडल समझाने वाले हैं। Dmart bussiness model secrets.


D-Mart क्या हैं?


किसी भी विषय के बारे में समझने से पहले यह जानना जरूरी होता है कि वह क्या है क्योंकि आपने से काफी सारे लोग ऐसे भी होंगे जिन्हें Dmart के बारे में अधिक जानकारी नहीं होगी।

Dmart एक सुपर मार्ट कम्पनी है smart के कई शहरों में Supermart मौजूद हैं। इसके देशभर में कुल 190 स्टोर हैं. डी मार्ट भारत का ही Supermarket है और इसके संस्थापक राधाकिशन दमानी हैं. इसका पहला स्टोर 15 मई 2002 में पवई, महाराष्ट्र में शुरू हुआ था.

 Supermart क्या होता हैं तो आप इसे एक छोटा सा शॉपिंग मॉल समझ सकते हैं जहां पर कई तरह के सामान एक ही जगह में मिलते सकते हैं।

DMart भारत की सबसे बड़ी सुपर मार्ट कंपनियों में से एक है और इसके Owner राधाकृष्ण दामनी हैं। और खास बात यह है कि सुपर मार्ट में प्रोडक्ट अन्य जगह के मुकाबले अधिक सस्ते मिल जाते हैं। 

Dmart से संबंधित जानकारी के लिए बता दे कि अंदाजे के अनुसार राधा कृष्ण दामिनी की संपत्ति करीब 14.3 बिलियन Dollars की हैं और वह भारत के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में भी शामिल है। राधा कृष्ण दामिनी ना केवल DMart के Owner हैं बल्कि एक जाने माने इन्वेस्टर भी हैं।

पैसों को Invest करने में राधाकृष्ण दामनी बेहद ही लाजवाब हैं और यही कारण हैं इन्हें Business Minded कहा जाता हैं।

 DMart की Success का कारण भी इनका शानदार Business Model हैं। अब आइये जानते हैं D Mart के शानदार Business Model के बारे में!


D-Mart Business Model Explanation

D-mart का बिजनेस मॉडल वाकई में काफी बेहतरीन है और इसने सभी को काफी इंप्रेस भी किया है। डी मार्ट के सफल होने के पीछे कई कारण है जो इन्हें अच्छा मुनाफा कमाने में मदद करते हैं.

D-mart कितना फायदे में है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि साल 2012 तक दिमाग भी काफी कम ग्रोथ में था

 लेकिन 2012 की बात से D-mart ने तेजी से वृद्धि की और आज D-mart के मालिक राधा कृष्ण धामनी भारत के सबसे अमीर लोगों में से एक है और उनके संपत्ति करीब 14.3 बिलियन डॉलर्स हैं।

दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की लिस्ट में से एक वॉरेन बफेट ने कहा था कि अगर आप कोई बिजनेस करते हो तभी आपको स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करना चाहिए और अगर आप स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट कर रहे हो तो उसके लिए आपके पास एक बिजनेस जरूर होना चाहिए।

मतलब कि एक बिजनेसमैन को स्टॉक मार्केट में शत-प्रतिशत इन्वेस्ट करना ही चाहिए अगर वह आगे बढ़ना चाहता है।

 राधाकृष्ण धामनी ने शुरू से ही एक शानदार स्ट्रेटेजी से काम किया हैं जिससे कि उन्होंने लोगों को प्रोडक्ट बेहद ही सस्ते में भी दिया और उससे काफी शानदार मार्जिन भी निकाल लिया।

Dmart की बिजनेस प्लान में चीजों को सबसे सस्ता देने का कारण यह है कि वह उससे होने वाले मार्जिन में से लोगों को डिस्काउंट देते हैं।
 भारी डिस्काउंट के कारण Dmart के सुपर स्टोर्स में भयंकर भीड़ लगी रहती है और इसलिए लगभग हर कंपनी Dmart में अपना प्रोडक्ट बिकवाते है। 

Dmart हर प्रोडक्ट से अधिक से आधी मार्जन प्राप्त करने की सोच रखता हैं जिसके लिए वह निम्न तरीके अपनाता हैं :


D mart की खुद की जमीन होना

किसी भी Retail Store अच्छी जगह खोलने के लिए आपको जमीन की जरूरत होती है। अब जमीन या तो खुद की हो या किराए पर ली जाए।
 D mart इस किराए के झंझट से काफी दूर रहता है। डी मार्ट कोई भी स्टोर खोलने के लिए अपनी खुद की जमीन खरीदता है ताकि उसे आगे चलकर जमीन के किराए का भार न रहे।

 या फिर डी मार्ट उस जगह पर जमीन नहीं भी खरीद पाता है तो वो कुछ सालों के लिए लीज पर ले लेता है जिससे उसे एक बार पैसा इन्वेस्ट  (Money investment) करके कई सालों तक पैसे नहीं देना पड़ते हैं। 

अब जब डी मार्ट ने जमीन के किराए का पैसा बचा लिया तो सामान तो सस्ता मिलेगा ही । यह कारण भी है d mart में सस्ते दामों पर समान का।


D Mart द्वारा कम्पनियो से एंट्री फीस लेना

D Mart के कस्टमर की संख्या इतनी ज्यादा है कि शायद ही अन्य किसी सुपरमार्ट के कस्टमर इसके आसपास भी आते होंगे।

 अगर आप D Mart की कनेक्टिविटी के बारे में नहीं जानते तो बता दे कि काउंटर पर नंबर के लिए लाइन में लगना पड़ता हैं।

इसी कारण हर कंपनी DMart में अपना प्रोडक्ट रखना चाहती है क्योंकि DMart में प्रोडक्ट रखवाने का मतलब है कि प्रोडक्ट की ज्यादा बिक्री। 

लेकिन D Mart कोई काम फ्री में नहीं करता और इसके लिए वह एक अच्छी खासी भारी भरकम एंट्री फीस लेता हैं।

और इसप्रकार जब किसी कंपनी को DMart में अपना प्रोडक्ट एंटर करवाना होता है तो वह उसके लिए D Mart को एक फीस देती है। 

Dmart इसी फीस को प्रोडक्ट को बेचने में लगाते हुए प्रोडक्ट को हम लोगों को डिस्काउंट में देता है। 

इससे लोग DMart की तरफ आकर्षित होते हैं और  D Mart में उपलब्ध प्रोडक्ट अधिक से अधिक खरीदते हैं जिसकी वजह से D Mart को एकता अच्छा डिस्काउंट देते हुए भी अच्छा मार्जिन प्राप्त होता है।


D mart द्वारा धीमी गति से स्टोर खोलना

कई Supermarket की चेन को आपने देखा होगा की एक साथ हजारों सुपरमार्केट कई शहरों में खोल लिए।

डी मार्ट ऐसा बिलकुल भी नहीं करता है. डी मार्ट ने साल 2002 से अब तक 190 Store ही खोलें है. इन्हें खोला भी डी मार्ट ने इन्हीं स्टोरों से मुनाफा (Profit) कमा कर।

यानि D Mart पहले इतना मुनाफा कमाता है की कोई नया स्टोर खोल पाये तब जाकर वो सोच-समझकर एक अच्छी जगह पर अपना स्टोर खोलता है. डी मार्ट को धीमी चाल से चलना पसंद है और इसी धीमी चाल के बलबूते पर आज डी मार्ट सफल है।


Dmart के success का डिस्काउंट एक बहुत बड़ा कारण

अगर आप डी मार्ट गए हैं तो आपको पता होगा की डी मार्ट में हमेशा आपको Discount मिलता है. इसके अलावा अगर आप किसी और सुपरमार्केट में जाते हैं तो उसी Product पर आपको उतना डिस्काउंट नहीं मिल पाता होगा।

 डी मार्ट अपने ग्राहकों को अपने से जोड़ने के लिए कभी-कभी नहीं बल्कि डेली डिस्काउंट देता है। इस डिस्काउंट के कारण लोग डी मार्ट आना और Shopping करना पसंद करते हैं।


डी मार्ट को डिस्काउंट कैसे मिलता है?

डी मार्ट में आप जब गए होंगे तब आपको डिस्काउंट मिलता होगा लेकिन आप सोचिए डी मार्ट को इतना डिस्काउंट कैसे मिल जाता है की वो आपको रोजाना डिस्काउंट दे पाते हैं।

 और जब डी मार्ट इतना डिस्काउंट दे देता है तो उसकी कमाई कैसे होती होगी. डी मार्ट की कमाई के लिए तीन रास्ते हैं.


D mart कंपनियों की फीस को बनाती है डिस्काउंट

 Dmart में आप जो भी प्रॉडक्ट देखते है उन्हें वहाँ रखने के लिए उन प्रॉडक्ट की कंपनी फीस देती है ताकि वो प्रॉडक्ट वहाँ पर बिक सके. अब डी मार्ट में अच्छी मात्रा में जल्दी प्रॉडक्ट बिक जाते हैं इसलिए कंपनी भी फीस देने से हिचकिचाती नहीं.


D mart पर MRP से काफी कम रेट पर सामान मिलना

कोई भी दुकान हो या Retail Supermarket हो वो MRP से कम पर ही उस सामान को खरीदते हैं. तो उन्हें उस सामान को लेते वक़्त कंपनियाँ कई तरह के डिस्काउंट देती है जिसके कारण उन्हें MRP से काफी कम रेट पर वो सामान मिल जाता है.


D mart द्वारा कंपनियों को कम समय में पैसा देना

 डी मार्ट पर सामान काफी तेजी से और ज्यादा मात्र में बिकता है. इसलिए डी मार्ट कंपनियों को कम समय में पैसा दे पाता है. कई कंपनियाँ डी मार्ट की इस रणनीति को देखते हुए उन्हें और भी डिस्काउंट देती है ताकि डी मार्ट उनके प्रॉडक्ट को और ज्यादा तवज्जो दे.


D mart द्वारा फालतू खर्चे कम करना

डी मार्ट कभी भी अपने शोरूम में फालतू खर्चे नहीं करता है. डी मार्ट का सीधा सा कान्सैप्ट है कम खर्च में ज्यादा मुनाफा. इसलिए डी मार्ट अपने रिटेल स्टोर पर सजावट, लाइट, स्टाफ आदि पर ज्यादा पैसा खर्च नहीं करता जिससे डी मार्ट की काफी ज्यादा बचत हो जाती है.


D mart द्वारा प्रॉडक्ट पर फोकस करना

डी मार्ट अगर कोई भी स्टोर खोलता है तो पहले उस एरिया पर अच्छे से रिसर्च करता है. लोगों की जरूरतों को जानता है. ये पता करने की कोशिश करता है की यहाँ पर लोग कौनसे Local Brand को पसंद करते हैं तथा कौन से बड़े ब्रांड को पसंद करते हैं।

इसके बाद डी मार्ट अपने स्टोर में लोकल ब्रांड और दूसरे ब्रांड के सामान को रखता है. मान लीजिये की डी मार्ट किसी गुजरात शहर में खुला है जहां पर लोगों को किसी लोकल ब्रांड का पापड़ खूब पसंद है तो डी मार्ट उसे अपने गुजरात के उस स्टोर में जरूर रखेगा।

 इस तरह लोग किसी बड़े नामचीन सुपरमार्केट जाने की जगह डी मार्ट जाना पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें वहाँ उनका पसंदीदा ब्रांड मिल जाता है.

डी मार्ट अब अपने बिजनेस को ऐसा बना चुका है की उसे डिस्काउंट देने में कोई नुकसान नहीं होता है. प्रॉडक्ट की कंपनियाँ भी खुश होकर डी मार्ट को डिस्काउंट देती हैं।

उन्हें पता है की डी मार्ट में उनके प्रॉडक्ट की खपत अच्छे से और ज्यादा होगी इसके साथ ही उन्हें पैसे दूसरों के मुक़ाबले जल्दी मिल जाएंगे। 


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