मानसून के मौसम में सर्पदंश (सांप काटने) की घटनाएं बढ़ जाती हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों से ऐसी खबरें आए दिन आती रहती हैं। कई बार सांप काटने के बाद लोग तुरंत डॉक्टर के पास जाने की बजाय दूसरे के घेरे में आ जाते हैं। अगर किसी को सांप काट ले तो तुरंत ये 5 काम करने चाहिए और इन गलतियों से बचना चाहिए...
सांप काटने (सर्पदंश) के तुरंत बाद करें ये काम:
1. अगर सांप काट ले तो कोशिश करें कि शरीर के उस हिस्से को उस जगह न हिलाएं जहां उसे काटा गया है।
2. जहां पर काटा हो, उस जगह पर आप बीटाडीन या स्क्रब के घोल का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, अगर ब्लीडिंग हो रही है तो उसे जाने दें और बाद में इन चीजों का इस्तेमाल करें।
3. जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचने की कोशिश करें।
4. अस्पताल जाने से पता चलेगा कि घाव कितना गहरा है।
5. साथ ही यह भी पता चल जाएगा कि आपको किसी जहरीले सांप ने काटा है या नहीं.
दो प्रकार के सांप काटने की घटनाएं
भारत में मुख्यतः दो प्रकार के सांप काटने की घटनाएं होती हैं। पहला करैत और दूसरा कोबरा। करैत के काटने का स्थान ऐसा लगता है जैसे उसे मच्छर ने काट लिया हो। लेकिन करैत के काटने के बाद काटने वाली जगह पर सूजन आ जाती है। जबड़े और घुटने में दर्द शुरू हो जाता है। इसका मतलब है कि शरीर में जहर फैलने लगा है।
वहीं अगर कोबरा काट ले तो उस जगह पर काफी सूजन आ जाती है, वह घाव जैसा दिखने लगता है। आंखों में परेशानी और पेट में अकड़न जैसी समस्या होने लगती है। इन दोनों सांपों को पहचानना बेहद जरूरी है। इसके अलावा धामिन और दो मुंह वाले सांपों में जहर नहीं होता है। ऐसे में आपके लिए लक्षणों को पहचानना जरूरी है।
क्या नहीं करना चाहिए:
- सांप को काटने के बाद बाबा, ओझा, पेड़ और नीम के पत्तों को चबाकर चाहे वह कड़वा लगे या मीठा, यह सब बिल्कुल नहीं करना चाहिए। पूर्वांचल के गांवों में ज्यादातर लोग नीम के पत्तों को चबाकर पता लगाते हैं कि सांप ने काटा है या नहीं, हालांकि यह बहुत ही गलत भावना है।
- पंडित और ओझा के पास जाना समय की बर्बादी है। इन जालों में नही पड़ना चाहिए।
- जहां सांप ने काटा हो वहां चीरा नहीं लगाना चाहिए, इससे सेप्टिक होने की संभावना रहती है।
- सांप काटने पर तनाव नहीं लेना चाहिए, क्योंकि अक्सर लोग दहशत में मर जाते हैं।