यहां हर कोई मच्युल फंड के फायदे बता रहा है, क्या कोई इसके नुकसान बता सकता है?
म्यूच्यूअल फण्ड एक ऐसा जाल है जिसमे फसाने के लिए सारी मार्किट फोर्सेज आपके विरुद्ध लगी हैं। सबके अपने अपने स्वार्थ हैं। जो पैसा आप निवेश करते है उसमें से लगभग 2.5 % कमिशन के रूप में बंट जाता है जितना अधिक आप निवेश करेंगे उतना ही अधिक कमीशन ।
म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार
म्यूच्यूअल फण्ड मुख्यतया दो तरह के होते हैं।
Equity Mutual fund- जो लगभग 90% राशि कंपनियों के शेयर्सके निवेश करते हैं एवं शेष राशि नकद अथवा छोटी अवधि के ऋण में ताकि तरलता बानी रहे।
Debt Mutual fund- जो 95% राशि , डिबेंचर, बांड्स, कंपनी फिक्स डिपाजिट इत्यादि में निवेश करते हैं एवं शेष राशि तरलता के लिए ।
इनके कई और रूप भी बाजार में है जैसे बैलेंस फंड्स, हाइब्रिड फंड्स, लिक्विड फंड्स आदि । इनमे निवेश का टारगेट अलग अलग तरह का होता है।
म्यूच्यूअल फंड्स में एक वाक्य लिखा होता है” सभी निवेश बाजार जोखिमो के अधीन है कृपया अपने वित्त सलाहकार से सलाह करके ही निवेश करें। आज बाजार में कितने ही सलाहकार और पत्रिकाएं मौजूद हैं आप पाएंगे कि हर पत्रिका की रेटिंग अलग अलग तरह से की जाती है। आप हमैशा ही भ्रमित रहेंगे की किस फण्ड में पैसा लगाया जाए। सभी आपको सलाह देंगे कि लंबे समय के लिए निवेश करें, किन्तु लंबा समय क्या होना चाहिए कोई नही जानता। जिन लोगो ने 2003 से 2007 के मध्य निवेश किया उनका सारा पैसा 2008 में डूब गया। 2010 से 2014 तक किसी ने म्यूच्यूअल फण्ड में कोई पैसा नही कमाया। 2014 से 2016 अंत तक जबरदस्त कमाई के मौके थे, किन्तु आप सोचते रहे की अभी और बढ़ेगा और बेच नही पाए। 2017 से अभी तक सारे फण्ड नकारात्मक रिटर्न्स दे रहे है।
आप कभी भी जान नही पाएंगे कि कब निवेश करना है और कब बाहर निकलना है। मैं पिछले 25 सालों से म्यूच्यूअल फंड्स को देख रहा हूँ। अगर आप लंबे समय मे हिसाब लगाएंगे तो कुल रिटर्न्स 9-10% से ज्यादा नही आएगी, लेकिन आपका रिस्क बहुत ज्यादा है।
जब आपको पैसे की आवश्यकता है और बाजार नीचे है तो बेच नही पाएंगे अथवा नुकसान में बेचेंगे । एक आम मध्यवर्ग परिवार में आवश्यकता कभी भी आ सकती है। इसलिए म्यूच्यूअल फण्ड में सोच समझ कर ही पैसा लगाएं। सबसे अच्छा बचत का साधन PPF एकाउंट है।
म्यूच्यूअल फंड्स की रेटिंग भी हर साल बदल जाती है। जो फंडस पिछले साल 5 स्टार थे वो सब अब 3 स्टार हो चुके होंगे। हर साल डेढ़ साल में ये रेटिंग बदल जाती है। रेटिंग बदलने के बाद आप निवेश को कहीं शिफ्ट करना चाहेंगे तो exit load आपका रास्ता रोकेगा। बाजार में।जो फण्ड सबसे अच्छी रिटर्न्स देता है, उसी का प्रचार किया जाता है और अप्प लालच में आ जाते है। अगले साल वो फण्ड कहीं नीचे छुप जाएगा।
कुछ फंड्स जो तीन साल पेहले सबकी आंखों के तारे थे आज पता नही कहाँ है जैसे
- SBI CONTRA
- RELAINCE VISION
- HDFC EQUITY
- UTI OPPORTUNITY
- SBI BLUECHIP
- ICICI DISCOVER
ये सिर्फ कुछ उदाहरण है। इसलिए अगर म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश भी करते है तो अपनी बचत का 25% से ज्यादा नही करें। कभी अपने मित्रों से पूछ कर देखना की कितने लोगों नेसच मे कुछ कमाया है।