फसल गिरदावरी क्या होती है, कैसे करें पूरी जानकारी Various info Studytoper

Ashok Nayak
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 फसल गिरदावरी (Fasal Girdawari) क्या होता है, गिरदावरी एप पर कौन सी जानकारी दर्ज की जाती है? यदि आप किसान हैं और अपनी जमीन पर खेती करते हैं, तो आपने कभी न कभी इस गिरदावरी शब्द को अवश्य सुना होगा। पटवारी किसान की जमीन पर अक्सर गिरदावरी के लिए आता है, कुछ जागरूक किसानों को इसके बारे जानकारी होती है, लेकिन ज्यादातर किसान ऐसे हैं जिन्हें इसके बारे में सही जानकारी नहीं होती है। आपको यहाँ फसल गिरदावरी (Girdawari) और इसके एप से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी सरल शब्दों में दी गई है। इस पोस्ट को पढने के बाद आप गिरदावरी का मतलब आसानी से समझ जाएंगे।

फसल गिरदावरी क्या होती है, कैसे करें पूरी जानकारी

फसल गिरदावरी क्या है? (Fasal Girdawari)

गिरदावरी, खेती से सम्बंधित एक प्रक्रिया है, जो वर्ष में दो बार रबी और खरीफ की फसल के दौरान दर्ज करी जाती है। पहले गिरदावरी प्रक्रिया को पटवारी द्वारा किया जाता था। इसमें खेत की जानकारी को शासन के राजस्व विभाग में दर्ज की जाती थी, जैसे कितने रकबे में कितनी और कौन सी फसल की बुआई हुई है। पटवारी अपने क्षेत्र के किसानों के पास जाकर जानकारी को एकत्रित कर गिरदावरी रिपोर्ट (Fasal Girdawari Report) को तैयार करते थे। पहले खेत से सम्बंधित जानकारी को कागज पर नोट किया जाता था, जिसमें कई त्रुटियां होती थीं, लेकिन अब गिरदावरी एप (Girdawari Kisan App) के माध्यम से दर्ज किया जाता है। और इसे किसान स्वयं कर सकते हैं, अथवा किसी जानकार व्यक्ति की मदद लेकर भी कर सकते हैं।


गिरदावरी एप के लाभ क्या है जानिए (Girdawari App)

  • पहले पटवारी घर बैठकर ही फसल का रकबा दर्ज कर दिया करते थे, लेकिन अब वे ऐसा नहीं कर पाते हैं।
  • गिरदावरी प्रक्रिया में होने वाली त्रुटियों में कमी होगी।
  • आंकड़ों के आधार जिले के सही रकबे का पता चलेगा।
  • प्राकृतिक आपदा के समय प्रभावित किसान को मुआवजा देने के लिए इसी गिरदावरी का उपयोग किया जाता है।

ई-गिरदावरी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जानिए (E Girdawari Registration)

  • एप के माध्यम से होने वाली इस प्रक्रिया में किसान सबसे पहले उस खेत के पास जाता है जिसकी गिरदावरी दर्ज की जानी है।
  • उसके बाद किसान अपना नाम, खसरा नम्बर और मोबाईल नंबर, खेत में बोई फसल की जानकारी, और साथ ही लाइव फ़ोटो दर्ज की जाती है।
  • जो भी जानकारी किसान के द्वारा दर्ज की गई है, उसके साथ किसान के मोबाईल नंबर दर्ज करना होता है।
  • उसके बाद सबमिट करते ही फसल की जानकारी ऑनलाइन शासन के पास दर्ज हो जाती है।
हर राज्य के शासन ने अब ई-गिरदावरी की रिपोर्ट को एप या पोर्टल पर दर्ज करने का कार्य तेजी से शुरू कर दिया है। मध्यप्रदेश में MP Kisan App, राजस्थान में Dharaa Portal, Haryana में Egirdawari पर कृषि योग्य भूमि का रिकॉर्ड स्वंय किसानों द्वारा दर्ज किया जा रहा है, दर्ज की गई जानकारी को जाँच कर, भूमि राजस्व विभाग के पोर्टल पर संबंधित खसरे की जानकारी अपडेट कर दी जाती है।


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